षडाष्टक क्या है?
षडाष्टक योग एक प्रकार का भकूट दोष होता है। अर्थात जब दो राशियों के बीच की दूरी का संबंध 6-8 का हो जाता है तो यह षडाष्टक योग कहलाता है। गोचर में मंगल मिथुन राशि में रहेगा और गुरु वृश्चिक राशि में। इस प्रकार मंगल से गुरु छठा और गुरु से मंगल आठवां होने के कारण षडाष्टक योग बना है।
दरिद्र योग कैसे बनता है?
कैसे बनता हैं कुंडली में दरिद्र योगजब बृहस्पति ग्रह 6 से 12 वें भाग में स्थित हो तो दरिद्र योग बनता है।यदि शुभ ग्रह केंद्र में हो और पाप ग्रह धन भाव में हो तो जातक दरिद्र योग की चपेट में आ जाता है।जब चंद्रमा से चतुर्थ स्थान पर पाप ग्रह बैठा हो तो जातक निर्धनता की तरफ बढ़ जाता है।More items
कुंडली में व्यापार कैसे देखे?
1- यदि कुंडली में सप्तमेश सप्तम भाव में हो या सप्तम भाव पर सप्तमेश की दृष्टि हो तो बिजनेस में सफलता मिलती है। 2- सप्तमेश स्व या उच्च राशि में होकर शुभ भाव (केंद्र-त्रिकोण आदि) में हो तो बिजनेस के अच्छे योग होते हैं। 3- यदि लाभेश लाभ स्थान में ही स्थित हो तो व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है।
कुंडली में दरिद्र योग क्या होता है?
यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति छठे या बाहरवें भाव में स्थित हो, पर स्व्ग्रही न हो तो दरिद्र योग बनता है। यदि शुभ ग्रह केंद्र में हों पाप ग्रह धन भाव में हों तो व्यक्ति दरिद्र रहता है। यदि चंद्र से चतुर्थ स्थान पर पाप ग्रह बैठा हो तो जातक निर्धन होता है।
कुंडली में पुत्र योग कैसे देखें?
जब व्यक्ति की कुंडली में गुरु के अष्टक वर्ग में गुरु से पांचवें भाव पर पुरुष गृह बिंदु देता है, तो पुत्र और स्त्री गृह बिंदु देता है, तो पुत्री की प्राप्ति होती है। यदि किसी की कुंडली में पुरुष और स्त्री गृह दोनों ही योग कारक होते हैं, तो उस व्यक्ति को पुत्र व पुत्री दोनों का सुख प्राप्त होता है।
कौन सा Grah उच्च का होता है?
सूर्य मेष में, चंद्र वृष में, बुध कन्या में, गुरू कर्क में, मंगल मकर में, शनि तुला में और शुक्र मीन राशि में उच्चच के परिणाम देते हैं। यानि पूरी तीव्रता से परिणाम देते हैं।
मेरी कुंडली में कौन सा योग है?
यहां जानिए ऐसे ही कुछ खास योगों के बारे में जिन लोगों की कुंडली में महालक्ष्मी योग होता है, वे धन और ऐश्वर्य प्राप्त करते हैं। ये योग कुंडली में तब बनता है, जब धन भाव यानी द्वितीय स्थान का स्वामी बृहस्पति हो और वह एकादश भाव में स्थित हो। ये योग व्यक्ति के अमीर बनने का संकेत देता है।
कुंडली कैसे देखते हैं?
कुंडली देखने का सही तरीका [Free Online]ऑनलाइन कुंडली देखने के लिए आपको सबसे पहले www.freekundli.com पर जाना होगा।इसके बाद आपके सामने एक नया फॉर्म खुलकर आएगा |यहाँ आपको अपना नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि सभी जानकारी भरकर सबमिट वाली बटन पर क्लिक करना होगा |इसके बाद आपके सामने आपकी जन्म कुंडली खुलकर आ जाएगी।More items •25 May 2021
कौन से पक्ष में लड़का पैदा होता है?
* शुक्ल पक्ष में जैसे-जैसे तिथियां बढ़ती हैं, वैसे-वैसे चन्द्रमा की कलाएं बढ़ती हैं। इसी प्रकार ऋतुकाल की रात्रियों का क्रम जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे पुत्र उत्पन्न होने की संभावना बढ़ती है, यानी छठवीं रात की अपेक्षा आठवीं, आठवीं की अपेक्षा दसवीं, दसवीं की अपेक्षा बारहवीं रात अधिक उपयुक्त होती है।
पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सी करवट सोना चाहिए?
कामशास्त्र में महर्षि वात्स्यायन ने इस बात को भी बताया है कि यदि कोई संतान के रूप में पुत्र चाहता है तो उसे किस प्रकार संभोग करना चाहिए. कामसूत्र के अनुसार इसके लिए स्त्री को हमेशा पुरुष के बाएं तरफ सोना चाहिए. कुछ देर बाएं करवट लेटने से दायां स्वर और दाहिनी करवट लेटने से बायां स्वर चालू हो जाता है.