नाम से कुंडली कैसे बनाये?
ऑनलाइन अपने मोबाइल से जन्म कुंडली कैसे बनाये?ऑनलाइन जन्म कुंडली बनाने के लिए आपको सबसे पहले www.freekundli.com पर जाना होगा। डायरेक्ट लिंक पर क्लीक करने पर आपके सामने नीचे दिखाई गई इमेज की तरह फॉर्म ओपन होगा।यहाँ आपको अपनी सभी डिटेल्स जैसे नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि भरनी होगी। जैसे ही आप सबमिट बटन पर क्लीक करेंगें।Feb 21, 2020
गणना कैसे मिलाया जाता है?
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक नाम की गणना के लिए नक्षत्र का सहारा लिया जाता है। मसलन किसी का जन्म अश्वनी नक्षत्र में हुआ है तो सबसे पहले यह देखा जाएगा कि उसका जन्म किस चरण में हुआ है। अश्वनी नक्षत्र के चार चरण चू, चे, चो, ला हैं। इनमें से जिस भी चरण में जन्म हुआ है।
शादी के लिए गुण कैसे मिलाते है?
कुंडली में मुख्य रूप से 8 चीजों का मिलान होता है जैसे गण, ग्रहमैत्री, नाड़ी, वैश्य, वर्ण, योनी, तारा और भकूट इन्हीं सब को मिलाकर कुल 36 गुण बनते हैं।
कुंडली मिलाने से क्या होता है?
कुंडली मिलान के अन्य नियम यदि कन्या की राशि वर के सप्तमेश का उच्च स्थान हो तो दांपत्य-जीवन में प्रेम बढ़ता हैै। संतान और सुख होता है। वर के सप्तमेश का नीच स्थान यदि कन्या की राशि हो तो भी वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। वर का शुक्र जिस राशि में हो वही राशि यदि कन्या की हो तो विवाह कल्याणकारी होता है।
जन्म समय ज्ञात न होने पर कैसे निकाले?
प्रसव स्थान के आधार पर जानकारी (1) प्रसव घर अथवा अस्पतला पर कोई भी कमरा हो सकता है इसको मुख्य घर न समझे। (2) यदि बालक के जन्म समय में लग्न तुला , वृश्चिक , कुम्भ , मेष , कर्क , हो तो प्रसव के घर का द्वार पूर्वमुख था। (3) यदि कन्या धनु मीन मिथुन लग्न में बालक का जन्म हो तो प्रसूतिघर का द्वार उत्तर की ओर था।
शादी की कुंडली कैसे निकालते हैं?
ऐसे निकालें मुहूर्त - - वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है। उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिए प्रयोग किया जाता है। - विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुण्डली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है।
जन्मतिथि से राशि कैसे जाने?
जन्मतिथि से राशि कैसे पता करें? (date of birth se rashi kaise jane)21 मार्च से 20 अप्रैल मेष राशि21 अप्रैल से 21मई वृषभ राशि22 मई से 21 जून मिथुन राशि22 जून से 22 जुलाई कर्क राशि23 जुलाई से 21 अगस्त सिंह राशि22 अगस्त से 23 सितंबर कन्या राशि24 सितंबर से 23 अक्टूबर तुला राशि24 अक्टूबर से 22 नवंबर वृश्चिक राशिMore items
विवाह की तिथि कैसे निकाले?
कुंडली में जो 7वां घर होता है, वह विवाह के विषय में बताता है। वर अथवा कन्या का जन्म जिस चंद्र नक्षत्र में होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने में प्रयोग किया जाता है। वर-कन्या की राशियों में विवाह के लिए एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिए लिया जाता है।
कुंडली मिलान में भकूट दोष क्या होता है?
नाड़ी दोष के बारे में विस्तारपूर्वक जानने के बाद आइए अब देखें कि भकूट दोष क्या होता है। यदि वर-वधू की कुंडलियों में चन्द्रमा परस्पर 6-8, 9-5 या 12-2 राशियों में स्थित हों तो भकूट मिलान के 0 अंक माने जाते हैं तथा इसे भकूट दोष माना जाता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि वर की जन्म कुंडली में चन्द्रमा मेष राशि में स्थित हैं।